उपायुक्त
मुझे केन्द्रीय विद्यालय संगठन, देहरादून क्षेत्र की नई व्यापक वेबसाइट प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता और उल्लास हो रहा है। यह एक ऐसा संग्रह है, जो भावी नागरिकों के सामंजस्यपूर्ण और सर्वांगीण विकास के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष भर चलने वाली विविध गतिविधियों को दर्शाता है। आज शिक्षा किसी सीमित क्षेत्र तक सीमित नहीं है, इसमें ज्ञान की गहराई, चरित्र की संस्कृति और व्यक्तित्व का सम्मिश्रण शामिल है। केवीएस ने छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और अपनी योग्यता साबित करने के लिए असीमित अवसर प्रदान करने में अग्रणी पहल की है। यह एक ऐसा संस्थान है, जिसका मूल उद्देश्य धर्मनिरपेक्ष वातावरण में शिक्षा और शिक्षा मनोविज्ञान है। शैक्षिक और सह-पाठयक्रम गतिविधियाँ एक सामान्य विशेषता हैं। राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। एक शिक्षक के रूप में भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, हमारे पास अखिल भारतीय योग्यता के आधार पर चुने गए उच्च योग्य प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की एक टीम है, जो समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। अपने विषयों पर पकड़ के अलावा वे सीखने की नवीनतम तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे विकास से अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। विद्यालय स्तर पर साहित्यिक संवाद, विषय समिति की बैठकों और स्टाफ मीटिंगों के दौरान, अभिमुखीकरण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के माध्यम से तथा क्षेत्रीय और अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के माध्यम से अपने ज्ञान को निखारने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र से और बारहवीं कक्षा तक लड़कियों से कोई शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाता है। कक्षा-1 में 25% सीटें “RTE अधिनियम” के तहत समाज के सामाजिक रूप से वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों से भरी जाती हैं। इस अधिनियम के तहत प्रवेशित बच्चों को कक्षा-8 तक मुफ्त शिक्षा मिलती है। यह वेबसाइट प्रशासन, बुनियादी ढांचे, शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों, नवीनतम घटनाओं, उपलब्धियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदर्शित करेगी। मैं इस क्षेत्र के अंतर्गत चलने वाले विभिन्न केवी के प्रिंसिपलों, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों को हमारे ध्वज को ऊंचा रखने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए धन्यवाद देता हूं…. जय हिंद
(डॉ. सुकृति रैवानी)